मिशन ने अंकीय (अंकीय (डिजिटल) ) पाण्डुलिपि पुस्तकालय संबंधी एक परियोजना का प्रस्ताव दिया है।
इतिहास में पहली बार, मानव जाति के सभी महत्त्वपूर्ण साहित्यिक, कलात्मक और वैज्ञानिक कार्यों को अंकीकरण रूप से संरक्षित किया जा सकता है और हमारी संस्कृति, अनुसंधान, शिक्षा और प्रशंसा के लिए और साथ ही हमारी सभी भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है। इसका उद्देश्य भारत का एक अंकीय (डिजिटल) पाण्डुलिपि पुस्तकालय स्थापित करना है, जो रचनात्मकता को बढ़ावा देगा और इस देश की पाण्डुलिपियों के रूप में सभी मानव ज्ञान तक आसानी से पहुंच प्रदान करेगा। इस मिशन को साकार करने के पहले कदम के रूप में, अंकीकरण पाण्डुलिपि पुस्तकालय को कई मूल्यवान पाण्डुलिपियों के संग्रह तक पहुँच योग्य बनाने का प्रस्ताव है, मुख्य रूप से भारतीय भाषाओं में, जो एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे।यह अंकीकरण पुस्तकालय भारत में अन्य अंकीकरण पुस्तकालय पहलों द्वारा बनाई गई सभी ज्ञान और अंकीकृत सामग्री का एक समूह भी बन जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि बहुत जल्द यह पुस्तकालय विज्ञान, कला, संस्कृति, संगीत, पारंपरिकचिकित्सा, वेदों, तंत्रों और कई अन्य विषयों में भारतीय अंकीय (डिजिटल) पाण्डुलिपि पुस्तकालयों के लिए प्रवेश द्वार उपलब्ध कराएगा। इसके परिणाम सामाजिक - आर्थिक पृष्ठभूमि या राष्ट्रीयता के संबंध में विचार किए बगैर, हर किसी के लिए सुलभ एक अद्वितीय संसाधन होंगे।
एन आई सी के सहयोग से एन एम एम ने मेटा - डेटा ऑनलाइन दर्ज करने और समर्पित खोज इंजन के माध्यम से पाण्डुलिपियों के विवरण तक पहुंच के लिए प्रयोक्ता अनुकूल वेब एप्लिकेशन विकसित किया है।विभिन्न विषयों के अनुसंधान और अध्ययन के लिए उपयोग किए जाने हेतु व्यापक स्तर पर लोगो के लिए अंकीकृत पाण्डुलिपियों तक आसानी से पहुंच उपलब्ध कराने हेतु इंटरलिंक किए जाने वाली अंकीय (डिजिटल) छवियों के साथ मेटा डेटा को क्लाउड सर्वर में अपलोड किया जाएगा। एन एम एम नेस्क्रिप्ट की विविधता, जिस सामग्री पर वे लिखे गए हैं और जिन विषयों के प्रति वे संदर्भित हैं, को ध्यान में रखते हुए सॉफ्टवेयर विकसित किया है।इस तरह के सॉफ्टवेयर कस्टोडियल संस्थानों, वर्णनात्मकसूची, विषयनिर्देशिका, पाण्डुलिपियों की संरक्षण स्थिति और खोज इंजन के माध्यम से अंकीय (डिजिटल) छवियों तक पहुंचने और अंकीय (डिजिटल) पुस्तकालय में इसे शामिल करने के बारे में आकड़ों के कुशल प्रबंधन को सक्षम बनाएंगे। इस ज्ञान आधार तक पहुंच की सुविधा के लिए शुरूआत में 10 प्रयोक्ताओं की क्षमता (100 प्रयोक्ताओं तक विस्तारित) सहित नई दिल्ली में आधुनिक अंकीकृत पाण्डुलिपि पुस्तकालय स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। प्रयोक्ताओं द्वारा डेस्कटॉप पीसी के माध्यम से डेटासेंटर से आकड़ों तक पहुंचने की उम्मीद है। नए आकड़ों को दैनिक आधार पर स्टोरेज सर्वर से जोड़े जाने की संभावना है। यह भी आवश्यक है कि आँकड़ा केन्द्र आँकड़ा भंडारण, अतिरेक, अपटाइम और उपलब्धता संबंधी अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करें।
विश्वसनीय डिजिटल रिपोजिटरी (टीडीआर)
डिजिटल पांडुलिपियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए एनएमएम में पांडुलिपियों के लिए एक विश्वसनीय डिजिटल रिपोजिटरी (टीडीआर) स्थापित की जाएगी। शुरू में लगभग 4 लाख पांडुलिपियों को टीडीआर के माध्यम से सुलभ बनाया जाना है। पांडुलिपियों के विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों और विशेषज्ञों को संपूर्ण पांडुलिपियों को विस्तार से पढ़ने, अध्ययन करने और शोध करने के लिए संलग्न करने की आवश्यकता होगी। एनएमएम में डिजिटल आर्काइव्स की एक वितरण प्रणाली का समर्थन करने में सक्षम नवीनतम सॉफ्टवेयर विकसित करके समर्थित एक गहरी आधारभूत संरचना की आवश्यकता है। पांडुलिपियों के डिजिटल संग्रह की सटीकता को प्रमाणित करने में सक्षम एक विश्वसनीय संगठन को भी इस उद्देश्य के लिए चुना जाना है।