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    पाण्डुलिपि शास्त्र और प्राचीन शिलालेख अध्ययन संबंधी उच्चस्तरीय कार्यशाला

    मिशन पाण्डुलिपि शास्त्र और प्राचीन शिलालेख अध्ययन संबंधी डेढ़ से दो महीने की अवधि का उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम भी आयोजित करता है। इन उच्च स्तरीय पाठ्यक्रमों में, बुनियादी पाण्डुलिपि शास्त्र पाठ्यक्रमों में प्रतिभागियों में से लगभग 30 से 35 सर्वश्रेष्ठ छात्रों को चुनिंदा लिपि के संबंध में गहन प्रशिक्षण दिया जाता है, साथ ही प्रतिलेखन, संयोजन और आलोचनात्मक संपादन में ग्राउंडिंग और व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। संरक्षण के विभिन्न पहलुओं और पाण्डुलिपियों के परिरक्षण को भी शामिल किया गया है। संकाय में देश के वरिष्ठ विद्वान शामिल होते हैं, जो पाण्डुलिपि शास्त्र और प्राचीन शिलालेख अध्ययन में विभिन्न विषयों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

     
    अब तक निम्नलिखित कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है:
     
    वित्तीय वर्ष 2011 – 2012

    क्र.सं.

    स्थान

    कार्यशाला की तारीख

    अध्ययन विषय

    प्रतिभागियों की संख्या

    1

    अरबी विभाग, कालीकट विश्वविद्यालय, विरासत अध्ययन केंद्र, सांस्कृतिक मामला विभाग, केरल सरकार, केरल

    12 अक्तूबर से 13 नवम्बर, 2011 तक

    नफ्ख्सी, सुलुसी, कुफिक, दीवानी, रैहानी, रुक्कल, सुन्नानी और अरबी मलयालम

    30

    2.

    अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

    30 मार्च से 13 मई, 2012 तक

    ब्राह्मी एवं शारदा, संपादन और लिप्यंतरण

    38

    3.

    आंध्र प्रदेश गवर्नमेंट ओरिएंटल एंड मैन्यूस्क्रिप्ट्स लाईब्रेरी,
    हैदराबाद

    1 फरवरी से 16 मार्च, 2012

    ब्राह्मी, तेलुगू, मलयालम एवं ग्रंथ, नन्दीनागरी, शारदा, संपादन और लिप्यंतरण

    28

    वित्तीय वर्ष 2010 – 2011

    क्र.सं.

    स्थान

    कार्यशाला की तारीख

    अध्ययन विषय

    प्रतिभागियों की संख्या

    1.

    चिन्मयाइंट फाउंडेशन शोध संस्थान, ऐर्नाकुलम, केरल

     

    1 नवम्बर से 10 दिसम्बर, 2010 तक

    शारदा, पुरानी नागरी, ग्रंथ एवं नेवारी पाठ संपादन

    22

    2.

    कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

    23 मार्च से 6 मई, 2011 तक

    ब्राह्मी, खरोष्ठी, शारदा, कुषाण, गुप्ता, ब्राह्मी, कुटिल, नेवारी, ग्रंथ, मीति एवं पुरानी उड़िया

    41

    3.

    श्री जगन्नाथ संस्कृत  विश्वविद्यालय, पुरी, ओडिशा

    9 मई से 13 जून, 2011 तक

    ब्राह्मी, शारदा और उड़िया

    28

    4.

    रानी दुर्गाबती विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश

    8 फरवरी से 24 मार्च, 2011 तक

    ब्राह्मी, शारदा, नागरी और शंखा

    35

    5.

    नवनालंदा महाविहार, नालंदा, बिहार

    25 मई से 25 जून, 2011 तक

    ब्राह्मी, शारदा, खरोष्ठी, नेवारी, तिब्बती संपादन एवं लिप्यंतरण

    38

    6.

    श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वरवल, गुजरात

    29 नवम्बर से 7 जनवरी, 2012 तक

    ब्राह्मी, शारदा, नेवारी, ग्रंथ एवं मलयालम

    30

    7.

    लालभाई दलपतभाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॅजी, अहमदाबाद, गुजरात

    19 सितम्बर से 22 अक्तूबर, 2010 तक

    ब्राह्मी, शारदा, ग्रंथ एवं नन्दनागरी, संपादन एवं लिप्यंतरण

    30

    8.

    ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर, कर्णाटक

    25 मार्च से 7 मई, 2010 तक

    पाठों की आलोचना और पाठों का संपादन

    30

     
    वित्तीय वर्ष 2006 – 2007

    क्र.सं.

    स्थान

    कार्यशाला की तारीख

    अध्ययन विषय

    प्रतिभागियों की संख्या

    1.

    मद्रास विश्वविद्यालय,
    चेन्नई, तमिलनाडु

    10 मार्च से 19 अप्रैल,

    ग्रंथ, नन्दीनागरी,तेलुगु, ब्राह्मी और तिगालारी

    30

    2.

    कलकत्ता विश्वविद्यालय,
    कोलकाता, पश्चिम बंगाल

    27 नवम्बर से 5 जनवरी, 2007 तक

    मध्यकालीन पुरानी बंगाली, गौडी, नेवारी, ग्रंथ, पुरानी उड़िया

    30

    3.

    राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठम,
    तिरुपति, आंध्र प्रदेश

    8 जनवरी से 15 फरवरी, 2007 तक

    दक्षिण भारतीय लिपियों जैसे ब्राह्मी, ग्रंथ, शारदा, नन्दीनागरी, तिगालारी का उद्गम और विकास

    30

     

    वित्तीय वर्ष 2005 – 2006

    क्र.सं.

    स्थान

    कार्यशाला की तारीख

    अध्ययन विषय

    प्रतिभागियों की संख्या

    1.

    इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली

    1 अगस्त से 10 सितम्बर, 2005 तक

    ब्राह्मी, शारदा, नन्दीनागरी, पुरानी नागरी और ग्रंथ

    30