राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन ने अभूतपूर्व विरासत मूल्य की पाण्डुलिपियों की पहचान की है और उन्हें भारत के पाण्डुलिपीय खजाने का दर्जा दिया है| पाण्डुलिपियों का चयन मानवता के लिए उनकी अद्वितीय मूल्य और भारतीय जीवन शैली में, भारतीय विचारधारा के विकास और संस्कृति के विकास में उनके योगदान अथवा केवल ऐतिहासिक महत्त्व (संभवत: किसी क्षेत्र का स्तानीय इतिहास) रखने के कारण किया जाता है|
यह मान्यता प्रदान करने का उद्देश्य अभिलेखाध्यक्षों और संकलनकर्ताओं को इन संसाधनों के महत्त्व को समझाने और उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता के प्रति जागरूक करना है|
विजनैनानिधि के तौर पर पाण्डुलिपियों का चयन: भारत का खजाना
पाण्डुलिपियों का खजाने के तौर पर चयन थकाऊ प्रक्रिया नहीं है बल्कि संकेतात्मक कार्रवाई है| यद्यपि इसका उद्देश्य चुनिंदा खजानों की तुलना में अन्य पाण्डुलिपियों के बीच पदक्रम स्थापित करना नहीं है तथापि चयन समिति ने निम्नलिखित मानदंड अपनाया है:
- विरासत के तौर पर उत्कृष्टता
- भारत के बौद्धिक इतिहास में योगदान
- असुरक्षा
- प्राचीन अथवा मध्यकालीन इतिहास का भाग
सुरक्षोपाय
इस प्रकार की घोषणा का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण परिणाम यह होगा कि इन पाण्डुलिपियों के लिए विशेष सुरक्षोपाय किए जाएंगे जो निम्नानुसार होंगे:
- उनके भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान और अवसंरचना का प्रावधान
- निवारक और उपचारात्मक संरक्षण
- अंकीकरण द्वारा ज्ञान विषय-वस्तु का संरक्षण
- दुर्लभ पाण्डुलिपियों के मामले में और प्रतियों के लिए ‘बेल-ट्रांसक्राईबिंग’
- इन पाण्डुलिपियों के आधार पर आलोचनात्मक संपादन, शोध और प्रकाशन करना
भारत के पाण्डुलिपि खजाने
- कुब्जिका माता (एशियाटिक सोसायटी, कोलकाता)
- मैत्रेयीव्याकरणम् (एशियाटिक सोसायटी, कोलकाता)
- सम्पुतटिका (एशियाटिक सोसायटी, कोलकाता)
- कालचक्रवतारा (एशियाटिक सोसायटी, कोलकाता)
- ॠगवेद संहिता (भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे)
- चिकित्सारसंग्रह (भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे)
- उपमीतिभावप्रपंचकथा (भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे)
- भागवतपुराण (भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे)
- महाभाष्य (भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे)
- शैवागमतंत्र (कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता)
- अष्टसाहस्त्रिकाप्रज्ञापारमिता (कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता)
- कृत्तिवासरामायण (कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता)
- शैवागम (इंस्टीट्यूट फ्रैंकायस डी पॉन्डिचेरी, पॉन्डिचेरी)
- शून्य सम्पादने (कन्नड़ विश्वविद्यालय, हम्पी)
- कुरबरारत्तमाला (कन्नड़ विश्वविद्यालय, हम्पी)
- बासवपुराण (कन्नड़ विश्वविद्यालय, हम्पी)
- धुल वा (कार्गोन गोम्पा, इगू, लद्दाख)
- ज्ञ्याद स्टोन्ग्पा (कार्गोन गोम्पा, इगू, लद्दाख)
- दीवान-ए-हाफीज़ (खुदा बक्श ओरिएंटल पब्लिक लाईब्रेरी, पटना)
- तारीख-ए-खानदान-ए-तिमुरिया (खुदा बक्श ओरिएंटल पब्लिक लाईब्रेरी, पटना)
- किताब-अल-हशैष (खुदा बक्श ओरिएंटल पब्लिक लाईब्रेरी, पटना)
- किताब-अल-तारीफ (खुदा बक्श ओरिएंटल पब्लिक लाईब्रेरी, पटना)
- चित्राभागवत (कृष्ण कांत हन्दीकी लाईब्रेरी, गुवाहाटी)
- रत्नमाल्व्याकर्ण (कृष्ण कांत हन्दीकी लाईब्रेरी, गुवाहाटी)
- उत्तराध्ययनसूत्र (लालभाई दलपतभाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॅजी, अहमदाबाद)
- शांतिनाथ चरित (लालभाई दलपतभाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॅजी, अहमदाबाद)
- आर्यभद्र-कलापिका-नामा-महायान-सूत्र (लाईब्रेरी ऑफ तिब्बतन वर्क्स, धरमशाला)
- यम्बनलोल (मणिपुर राज्य के अभिलेखागार)
- सुबिका (मणिपुर राज्य के अभिलेखागार)
- गिलगिट पाण्डुलिपियां (राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली एवं श्री प्रताप सिंह संग्रहालय, जम्मू और कशमीर तथा कशमीर राज्य सरकार का राज्य पुरातत्त्व विभाग, अभिलेखागार और संग्रहालय, श्रीनगर)
- बाबरनामा (राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली)
- तुज़ुक-ए-जहांगीरी (राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली)
- अर्थशास्त्र (ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर)
- नाट्यशास्त्र (ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर)
- शारदातिलक (ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर)
- सौभाग्यरत्नाकर (ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति)
- आर्यमंजुश्रीमुलाकलापम् (ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट एवं पाण्डुलिपियां लाईब्रेरी, तितुवन्नतपुरम)
- गीतगोविंद (ओडिशा राज्य संग्रहालय, भुबनेश्वर)
- चिकित्सा मंजरी (ओडिशा राज्य संग्रहालय, भुबनेश्वर)
- आर्षरामायण (राजस्थान ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, जोधपुर)
- ध्वन्यालोकलोचन (राजस्थान ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, जोधपुर)
- अल-कुरान-अल-मजीद (रामपुर रज़ा लाईब्रेरी, रामपुर)
- रामायण (रामपुर रज़ा लाईब्रेरी, रामपुर)
- कालि-वा-डिमना (रामपुर रज़ा लाइब्रेरी, रामपुर)
- कलीला-व-दिम्ना (रामपुर रज़ा लाईब्रेरी, रामपुर)
- सर्वरोगहरणगुणगंभीरता अथवा अश्वपहल प्रकाश (विश्वेशवरनंद बिश्वाबंधु इंस्टीट्यूट ऑफ संस्कृत एंड इंडोलॉजिकल स्टडीज़, होशियारपुर)