मिशन द्वारा इस वाद-विवाद प्रतियोगिता की अभिकल्पना, युवाओं तक पहुंचने और हमारी गतिविधियों में शामिल करने के अंतिम लक्ष्य सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विरासत से संबंधित मुद्दों पर बहस और चर्चा करने के मंच के रूप में की गई है।
प्रतियोगिता दो स्तरों पर आयोजित की गई है- पूरे देश में 10 केंद्रों पर प्रारंभिक दौर और फाइनल दौर नई दिल्ली में आयोजित किया जाएंगा।
मिशन और सहयोगी संस्थान समाचार पत्रों में विज्ञापन द्वारा अर्हता निबंध के रूप में प्रविष्टियां आमंत्रित करेंगे। 10 सर्वश्रेष्ठ निबंधकारों को प्रारंभिक दौर में वाद-विवाद के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस दौर के विजेता नई दिल्ली में फाइनल में भाग लेते हैं। उदाहरण स्वरुप, वाराणसी ने दिल्ली, उत्तरांचल और उत्तर प्रदेश से प्रतिभागियों की मेजबानी की, इसलिए मिशन इन राज्यों में निबंध आमंत्रित करते हुए विज्ञापन देगा और 10 सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियां वाराणसी में पहले दौर में शामिल की जाएंगी। वाराणसी के विजेता, नई दिल्ली में फाइनल में अन्य शहरों के विजेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।
यह प्रतियोगिता स्नातक और इससे ऊपर की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए है।
निबंध के नियम
वाद-विवाद के नियम
विषय (सामग्री; अधिकतम अंक 40)
शैली (आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति; अधिकतम अंक 30)
विधि (भाषण की संरचना, समय सीमा, आदि; अधिकतम अंक 30)
विस्मयादिबोधक (अधिकतम अंक 30; प्रत्येक प्रश्न के लिए 10 अंक)
सर्वश्रेष्ठ टीम- 4,000/- रुपए
सर्वश्रेष्ठ वक्ता- 3,000/- रुपए
उप विजेता वक्ता - 2, 000/- रुपए
सर्वश्रेष्ठ विस्मयादिबोधक- दो- 300/- प्रत्येक
बराबरी (टाई) के मामले में, पुरस्कार राशि को बराबरी पर रहे दलों/वक्ताओं के बीच बाँटा जाएगा। सर्वश्रेष्ठ वक्ता के लिए बराबरी के मामले में, दोनों दावेदारों को 2,500/- रुपए प्रत्येक और उप विजेता के लिए कोई पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
कार्यक्रम स्थल |
सर्वश्रेष्ठ टीम |
सर्वश्रेष्ठ वक्ता |
द्वितीय स्थान पर आने वाला वक्ता |
सर्वश्रेष्ठ हस्तक्षेप |
वाराणसी |
राहुल जयपुरिया और संकल्प छाबड़ा, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली |
विजय किशोर तिवारी, बीएचयू, वाराणसी |
विनीत मणि, दिल्ली |
विजय किशोर तिवारी, बीएचयू और रितेश मिश्रा (दर्शक) |
उज्जैन |
शैज़ीन आगा और सचित मोहन, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे |
निधि नेमा, डॉ. हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर |
सचित मोहन, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे |
सचित मोहन, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे और सुवर्ण जोशी, पुणे विश्वविद्यालय, पुणे |
अहमदाबाद |
रिद्धि मेहता, निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलजी, अहमदाबाद और सिद्धार्थ साहू, सुवनित, सूरत |
सिद्धार्थ साहू, सुवनित, सूरत |
दीपिका देव ॠषि, एस. डी. कृषि विश्वविद्यालय, पालनपुर |
अंकित शुक्ला, यूनिवर्सिटी राजस्थान कॉलेज, जयपुर और अनन्या मित्रा, गुजरात नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर |