राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन द्वारा जनवरी, 2005 में आरंभ की गई मासिक व्याख्यान श्रृंखला तत्त्वबोध ने अपने आप को बोद्धिक वाद-विवाद और चर्चा के मंच के तौर पर स्थापित किया है| भारतीय ज्ञान पद्धतियों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रख्यात विद्वानों ने दिल्ली और देश भर के अन्य केंद्रों में संबोधन दिए हैं और श्रोताओं के साथ पारस्परिक चर्चा की है|
मिशन इन व्याख्यानों के संकलन का प्रकाशन तत्त्वबोध के नाम से ही करता है| तत्त्वबोध का प्रथम खंड पहले 10 व्याख्यानों का संकलन है और इसे सितम्बर, 2006 में जारी किया गया था| इसमें लोकेश चंद्रा, कपिला वात्स्यायन, आर. चंपकालक्ष्मी, जी. एन. देवी, नामवर सिंह, इरफान हबीब, शेल्डन पोलॉक, एम. एस. वलियाथन, डी. पी. चट्टोपाध्याय और एम. के बिर्स्की द्वारा दिए गए व्याख्यान सम्मिलित हैं|