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    अन्य प्रकाशन

    पी.आर.रामचंद्र,कर्नाटक द्वारा संस्कृत, तमिल और मलयालम में रामायणम का अनुवाद

    यह वाल्मीकि (29 वें अध्याय) के सुंदरकांड का एक दृश्य है। सीता ने महसूस किया कि उसकी आशाहीन स्थिति आत्महत्या करने का फैसला करती है और उस समय कई अच्छे ओमेंस देखे जाते हैं। उन्हें देखकर वह खुश हो जाती है

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    संस्कृत में अधयथमा रामायणम को वेद व्यास द्वारा लिखा जाना चाहिए था। इसका अनुवाद मलयालम में थुन्जथु एज़ुथचन द्वारा किया गया था, जिन्हें आधुनिक मलयालम का जनक माना जाता है। पुस्तक इतनी लोकप्रिय हो गई कि लगभग 99% मलयाली हिंदू घरों में होगी

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    इस अध्याय में विस्तार से वर्णन है कि कैसे राम को अयोध्या के राजा के रूप में ताज पहनाया गया

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