बड़ी संख्या में पाण्डुलिपियां रखने वाले संस्थानों को सुविधा और सहायता प्रदान करने के लिए मिशन ऐसे संस्थानों को पाण्डु्लिपि संरक्षण भागीदार केंद्र (एमसीपीसी) के तौर पर नामित करता है| इन संस्थानों को एमसीसी के माध्यम से संरक्षण सहायता प्रदान की जाती है| इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक एमसीसी 10 संस्थानों को एमसीपीसी के तौर पर नामित करता है| एमसीपीसी को वैज्ञानिक तरीके से उनके संकलन के भंडारण और अनुरक्षण हेतु सलाह दी जाती है| मिशन इन संकलनों में महत्त्वपूर्ण पाण्डुलिपियों के भंडारण के लिए संरक्षण और भंडारण सामग्री (अम्लमुक्त बोर्ड, अम्लमुक्त कागज इत्यादि) भी प्रदान करता है| यथापेक्षा एमसीसी द्वारा निवारक और उपचारात्मक कार्य भी पाण्डुलिपियों पर किए जाते हैं| वर्तमान में 200 संस्थान एमसीपीसी के तौर पर मिशन से सम्बद्ध हैं|