संकल्पना

    अंकीकरण का अर्थ कम्प्यूटर के फॉर्मेट में सूचना संग्रह करना, परिवर्तित करना, भंडारण और उपलब्ध कराना है, जो कि मानकीकृत, व्यवस्थित और साझा प्रणाली से मांग के आधार पर उपलब्ध होती हैं। पाण्डुलिपियों को विशिष्ट स्केनरों और भविष्य में संदर्भ हेतु प्रणालीबद्ध तरीके से उनके संग्रह सहित कम्प्रेस्ड अंकीय (डिजिटल) फॉर्मेट में परिवर्तित किया जाता है।

    अंकीकरण (डिजिटाइज) क्यों?
    • पाण्डुलिपियों तक पहुँच को बढ़ावा देना
    • दीर्घावधि तक टिकाऊ आधार पर संरक्षण करने और यथासंभव मूल की प्रतिकृति के समान एक बैक-अप प्रति सृजन के लिए
    • बहुत ही नाजुक अथवा बार-बार उपयोग किए जाने वाली मूल पाण्डुलिपियों के प्रयोग में कमी लाना
    • अंततः मिशन द्वारा स्थापित किए जाने वाले राष्ट्रीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय के माध्यम से इस विशाल अभिलेखीय संसाधन को प्रयोक्ताओं तक पहुँच योग्य बनाया जाएगा।

    पाण्डुलिपियों की विषयगत सामग्रियों को संरक्षित करने के क्रम में अंकीकरण प्राथमिक कदम है और यह एनएमएम का दायित्व भी है। प्राचीन पाण्डुलिपियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसके सदा के लिए नष्ट हो जाने से पहले, जहां तक संभव हो, पाण्डुलिपियों के खजाने और इसके ज्ञान भंडार को बचाना आवश्यक है।

Fatal error: Call to a member function read() on a non-object in /var/www/html/sites/all/modules/contributed/xmlsitemap/xmlsitemap.module on line 967